हर पल खुश रहूं ऐसा हो नहीं सकता, यादें भी आखिर कोई चीज़ हुआ करती हैं|
Tag: शर्म शायरी
कैसे करें हम खुद को
कैसे करें हम खुद को तेरे प्यार के क़ाबिल! जब हम आदतें बदलते हैं,तो तुम शर्तें बदल देते हो|
शर्म नहीं आती उदासी को
शर्म नहीं आती उदासी को जरा भी, मुद्दतों से मेरे घर की महेमान बनी हुई है ….!!!!
मोहब्बत में नहीं रहा
मोहब्बत में नहीं रहा तन्हा कभी कोई… किसी को इश्क मिल गया…. किसी को अश्क मिल गए…
रिश्ते की गहराई
रिश्ते की गहराई अल्फाजो से मत नापो.. सिर्फ एक सवाल सारे धागे तोड़ जाता है…!
कल रात मैंने
कल रात मैंने अपने सारे ग़म, कमरे की दीवार पर लिख डाले, बस फिर हम सोते रहे और दीवारे रोती रही…
रिश्ता दिल का होना चाहिए
रिश्ता दिल का होना चाहिए जनाब ख़ून के रिश्ते हमने वृद्धाश्रम में देखे हैं|
मेरी आँखों में
मेरी आँखों में पढ़ लेते हैं, लोग तेरे इश्क़ की आयतें… किसी में इतना भी बस जाना अच्छा नहीं होता|
मेरी आँखों में
मेरी आँखों में पढ़ लेते हैं, लोग तेरे इश्क़ की आयतें… किसी में इतना भी बस जाना अच्छा नहीं होता|
मेरे क़ाबू में
मेरे क़ाबू में न पहरों दिले-नाशाद आया, वो मेरा भूलने वाला जो मुझे याद आया।