शब के जागे हुए तारों को भी नींद आने लगी, आपके आने की इक आस थी अब जाने लगी..
Tag: शर्म शायरी
अरे ये इश्क है
अरे ये इश्क है मेरी जान कोई गणित का सवाल नही जो समझा सकूं|
हमे क्या मालुम था
हमे क्या मालुम था ईस तरह रास्ते मै छोड के जायेगी पगली, पता होता तो साथ मे साईकल तो ले आते..
मैंने चाहा है
मैंने चाहा है तुझे आम से इंसाँ की तरह तू मेरा ख़्वाब नहीं है जो बिखर जाएगा|
जमाने में कभी भी
जमाने में कभी भी किस्मतें बदला नही करती!! उम्मीदों से भरोसों से दिलासों से सहारों से
कितना मलाल होता है
न पूछ देख के कितना मलाल होता है जो ख़्वाब देखने वालों का हाल होता है|
मुझे अपने दिल की
मुझे अपने दिल की औकात तो नहीं मालूम, . मगर जहां तुम समाये हो,वो दिल कोई आम नहीं होगा…!
जिंदगी से आप जो भी
जिंदगी से आप जो भी बेहतर से बेहतर ले सको वो लेलो, क्योंकि जिंदगी जब लेना शुरू करती है सांस भी बाकी नहीं छोडती |
ऐ जिंदगी तू सच में
ऐ जिंदगी तू सच में बहुत खूबसूरत है… फिर भी तू मेरे दोस्त के बिना अच्छी नही लगती..!!
दिलों में रहना सिखो
दिलों में रहना सिखो, घर में तो सभी रहते हैं…