उनके रूठ जाने में भी एक राज़ है साहब, वो रूठते ही इसलिए है की कहीं अदायें न भूल जाएं।।
Category: Zindagi ShayriShayari
मेरा सर झुक जाये…
कुछ विश क़ुबूल आखिर इस क़दर हो जाये… बारगाह में तेरी फिर से मेरा सर झुक जाये…
कटता नहीं है
कटता नहीं है बिन तेरे लम्हा-दो-लम्हा मेरे, जाने क्या सोच के उम्र भर का फैसला किया..
क्या खूब अदा है
आपके चलने की भी क्या खूब अदा है तेरे हर कदम पे एक दिल टूटता है|
कब तक समझाऊं
कब तक समझाऊं यूँ बहाना तिनके का करके लो आज कहता हूँ ये आँसू तेरी याद के है|
मतलबी दुनिया के
मतलबी दुनिया के लोग खड़े है, हाथों में पत्थर लेकर……..!! मैं कहाँ तक भागूं, शीशे का मुकद्दर लेकर…………..!!
मेरी अपनी भी
मेरी अपनी भी मजबूरियां है बहुत मैं समुन्दर हूँ पीने का पानी नही..
जागे हुए तारों को
शब के जागे हुए तारों को भी नींद आने लगी, आपके आने की इक आस थी अब जाने लगी..
अरे ये इश्क है
अरे ये इश्क है मेरी जान कोई गणित का सवाल नही जो समझा सकूं|
हमे क्या मालुम था
हमे क्या मालुम था ईस तरह रास्ते मै छोड के जायेगी पगली, पता होता तो साथ मे साईकल तो ले आते..