तू छोड़ रहा है

तू छोड़ रहा है तो इसमें तेरी ख़ता क्या हर शख़्स मेरा साथ निभा भी नहीं सकता !!

वो शख़्स जो

वो शख़्स जो आज मुहब्बत के नाम से बौखला गया…. किसी जमाने में एक मशहूर आशिक़ हुआ करता था….

तुम रस्म बना रहे थे

तुम रस्म बना रहे थे वो रस्म निभा रहा था यह वक्त बता रहा था वो वक्त बिता रहा था।

हिचकियो के भरम ने

हिचकियो के भरम ने रखा है जिँदा हम आज भी किसी को याद आते है.. याद किया करो हमें,वरना याद किया करोगे !!

मेरी गली मेरे घर में है

जो बात मेरे गाँव मेरी गली मेरे घर में है। उसके जैसा कुछ भी कहाँ तेरे शहर में है।

हर लम्हे को कैद हैं

हर लम्हे को कैद हैं इन आँखों में ये रात की ख़ामोशी में दिखाई देते हैं लेकिन ये सूरज की किरणें हमें आने वाले पल का संकेत देती हैं खुली बाहों से इनका सत्कार करो यही तो जीवन में रंग भरती हैं |

ख्वाब मत बना

ख्वाब मत बना मुझे, सच नहीं होते, साया बना लो मुझे, साथ नहीं छोडेंगे..

समन्दर भी हैरान था

समन्दर भी हैरान था, हमें डूबते देखकर, की कैसा शख्स है किसी को पुकारा तक नही..

कसूर नहीं इसमें

कसूर नहीं इसमें कुछ भी तुम्हारा, हमारी चाहत ही इतनी थी कि तुम्हे गुरूर आ गया..

दिल टुटने पर

दिल टुटने पर भी जो शख्स आपसे शिकायत तक न करे, उससे ज्यादा मोहब्बत आपको कोई और नहीं कर सकता..

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