हम ने तो वफ़ा के

हम ने तो वफ़ा के लफ़्ज़ को भी वजू के साथ छूआ जाते वक़्त उस ज़ालिम को इतना भी ख़याल न हुआ

खामोश रहने दो

खामोश रहने दो लफ़्ज़ों को, आँखों को बयाँ करने दो हकीकत, अश्क जब निकलेंगे झील के, मुक़द्दर से जल जायेंगे अफसाने..

जिसे शिद्दत से

जिसे शिद्दत से चाहो , वो मुद्दत से मिलता है , बस मुद्दत से ही नहीं मिला कोई शिद्दत सै चाहने वाला

उफ़ ये गजब की रात

उफ़ ये गजब की रात और ये ठंडी हवा का आलम, हम भी खूब सोते अगर उनकी बांहो में होते |

मोहब्बत के रास्ते

मोहब्बत के रास्ते कितने भी मखमली क्युँ न हो… खत्म तन्हाई के खंडहरों में ही होते है…!!

खुदगर्ज़ बना देती है

खुदगर्ज़ बना देती है तलब की शिद्दत भी,, प्यासे को कोई दूसरा प्यासा नहीं लगता..।।

हम जिंदगी में

हम जिंदगी में बहुत सी चीजे खो देते है, नहीं जल्दी बोल कर और हाँ देर से बोल कर..

कुछ कहते खामोशियों से

कुछ कहते खामोशियों से कुछ नजरों से बतियाते है चन्द गुजरे लम्हे है ये, कुछ रोते कुछ मुस्काते है बस यही हिसाब है तेरा, कोई आना कोई जाना है गुजर जानी है जिंदगी , याद रहनी मुलाकाते है।

गीली आँखों का दर्द

गीली आँखों का दर्द कुछ ख़फ़ा सा है… — — ये जो सीने में धड़कता है बेवफ़ा सा है…

दिल का दर्द है

हर अल्फाज दिल का दर्द है मेरा पढ़ लिया करो, कोन जाने कोन सी शायरी आखरी हो जाये

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