दिल की ख़ामोशी पर

दिल की ख़ामोशी पर मत जाओ साहेब, राख के नीचे अक्सर आग दबी होती है !!

सब्र रखो तुम

सब्र रखो तुम जल्द ही एहसास होगा तुमको। मेरा होना क्या था न होना क्या है।।

किसीके दिल में नहीं धड़कते

क्या हुआ जो हम किसीके दिल में नहीं धड़कते, आँखों में तो कईयों की खटकते है !!

पोंछ लो अपने बहते हुए

पोंछ लो अपने बहते हुए आँसुओ को ऐ दोस्त..भला कौन रहना पँसद करता है, टपकते हुए मकानो मे.!!

खेलना अच्छा नहीं

खेलना अच्छा नहीं किसी के नाज़ुक दिल से… दर्द जान जाओगे जब कोई खेलेगा तुम्हारे दिल से…

बडे लोगों से

बडे लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखनाजहां दरिया समन्दर से मिला,,,, दरिया नहीं रहता|

गम बिछड़ने का नहीं

गम बिछड़ने का नहीं करते खानाबदोश वो तो वीराने बसाने का हुनर जानते हैं|

मत कूदो उस समंदर मे

मत कूदो उस समंदर मे जिसका कोई साहिल ना हो . आज हम तुम्हारे काबिल नही शायद कल तुम हमारे काबिल ना हो

हम भी फूलों कि तरह

हम भी फूलों कि तरह अपनी आदत से मजबूर है तोड़ने वाले को भी खूशबू की सजा देते है…!!

शायरो की महफ़िल

लगती थी शायरो की महफ़िल जहा सुना है वो जगह अब सुनसान होगयी

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