ये भी क्या सवाल हुआ

ये भी क्या सवाल हुआ कि इश्क़ कितना चाहिए, .दिल तो बच्चे की तरह है मुझे थोड़ा नहीं सब चाहिए !!

चलो दौलत की

चलो दौलत की बात करते हैं, बताओ तुम्हारे दोस्त कितने हैं….!!

मैं तो हर पल

मैं तो हर पल ख़ुशी देती हूँ तुम्हें, तुम ये गम लाते कहाँ से हो।।

इश्क़ का कैदी

इश्क़ का कैदी बनने का अलग ही मज़ा है, छुटने को दिल नहीं करता और उलझने में मज़ा आता है।।

सब ही तारीफ़ करते हैं

सब ही तारीफ़ करते हैं मेरी तहरीरों की, कभी कोई नहीं सुनता मेरे लफ़्ज़ों की सिसकियां |

इश्क़ तो बेपनाह हुआ…

इश्क़ तो बेपनाह हुआ…कसम से.. गलती बस ये हुई कि……..हुआ तुमसे

आज़ाद कर दिया

आज़ाद कर दिया हमने भी उस पंछी को, जो हमारी दिल की कैद में रहने को तोहीन समजता था ..

मेरे ग़ज़लों में हमेशा

मेरे ग़ज़लों में हमेशा, ज़िक्र बस तुम्हारा रहता है… ये शेर पढ़के देखो कभी, तुम्हे आईने जैसे नज़र आएंगे

तलब नहीं कोई

तलब नहीं कोई हमारे लिए तड़पे , नफरत भी हो तो कहे आगे बढ़के.!!

चुना था बाग से

चुना था बाग से सब से हसीं फूल समझ कर तुझे…. मालूम न था तेरा खरीदार कोई और होगा

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