आसमाँ भर गया

आसमाँ भर गया परिंदो से, पेड़ कोई हरा गिरा होंगा..!!!

फरेबी भी हूँ

फरेबी भी हूँ ज़िद्दी भी हूँ और पत्थर दिल भी हूँ…..!!!! मासूमियत खो दी है मैंने वफ़ा करते-करते……!!!!!

हल्की-फुल्की सी है

हल्की-फुल्की सी है जिंदगी… बोझ तो ख्वाहिशों का है…

ईश्क की गहराईयों मे

ईश्क की गहराईयों मे मौजूद क्या है… बस मैं हूँ,तुम हों,और कुछ की जरूरत क्या है…

कभी बेवजह भी

कभी बेवजह भी कुछ ना कुछ खरीद लिया करो दोस्तों.. ये वो खुद्दार लोग है जो भिख नही मांगते

हम इश्क के

हम इश्क के मारो का इतना सा फसाना है संग रोने को कोई नही हमपे हसने को जमाना है

जो मांगू वो दे दिया

जो मांगू वो दे दिया कर…ऐ ज़िन्दग़ी …!! तू बस…मेरी माँ की तरह बन जा…

जख्मों को अपने

जख्मों को अपने अब ढक कर चलता हूँ… आजकल लोगों के लहजों में ही नमक झलकता है…!!

मिट जाते है वो

मिट जाते है वो औरों को मिटाने वाले . लाश कहा रोती है? रोते हैं जलाने वाले

हसरतें मचल गयी

हसरतें मचल गयी जब तुमको सोचा एक पल के लिए; सोचो दीवानगी तब क्या होगी,जब तुम मिलोगे मुझे उम्र भर के लिए…..

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