हाल -ए-मंजर

हाल -ए-मंजर……… कुछ और है तेरी ख़ामोशी बताती कुछ और है..

लोग सच कहते थे

गम इस बात का नहीं के वो बेवफा थीं…. गम इस बात का है के लोग सच कहते थे….

चाँद ने की होगी

चाँद ने की होगी सूरज से महोब्बत इसलिए तो चाँद मैं दाग है मुमकिन है चाँद से हुई होगी बेवफ़ाई इसलिए तो सूरज मैं आग है……

साथ जूड जाये

अच्छा स्वभाव maths के 0 जैसा हैं दोस्तो जिसके भी साथ जूड जाये उसकी किमत बढा देता हैं….

मतलबी सा बंदा हूँ

न हवस उसके जिस्म की, न शौक उसकी लज़्ज़त का, बिन मतलबी सा बंदा हूँ, उसकी सादगी पे मरता हूँ…..!!!

सौदेबाज़ी करते हैं।

दोस्ती तो बच्चे ही कर सकते हैं, बड़े तो समझौते और सौदेबाज़ी करते हैं।

देखेंगे अब जिंदगी

देखेंगे अब जिंदगी चित होगी या पट……. हम किस्मत का सिक्का उछाल बैठे हैं….

यादों की हवा

सारा दिन गुजर जाता है, खुद को समेटने में, फिर रात को उसकी यादों की हवा चलती है, और हम फिर बिखर जाते है!

दाव पेंच मालूम है

सब दाव पेंच मालूम है उसको वो बाजी जीत लेता है मेरे चालाक होने तक

याद से जाते नहीं

याद से जाते नहीं, सपने सुहाने और तुम, लौटकर आते नहीं, गुज़रे ज़माने और तुम, सिर्फ दो चीज़ें कि जिनको खोजती है ज़िंदगी, गीत गाने, गुनगुनाने के बहाने और तुम..

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