सारा दिन गुजर जाता है,
खुद को समेटने में,
फिर रात को उसकी यादों की हवा चलती है,
और हम फिर बिखर जाते है!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सारा दिन गुजर जाता है,
खुद को समेटने में,
फिर रात को उसकी यादों की हवा चलती है,
और हम फिर बिखर जाते है!