घोंसला बनाने में… यूँ मशग़ूल हो गए.. उड़ने को पंख हैं… हम ये भी भूल गए…
Tag: जिंदगी शायरी
महसूस जरुर होते हैँ
बदलता मौसम….. बदलते रिश्ते…. और बदलते लोग…… दिखते भले ना हो …… महसूस जरुर होते हैँ……
ना किसी से ईर्ष्या
ना किसी से ईर्ष्या, ना किसी से कोई होड़, मेरी अपनी मंजीले, मेरी अपनी दौड़ !.
इतनी वफादारी न कर किसी से
इतनी वफादारी न कर किसी से, यूँ मदहोश हो कर …
जिन्दगी से पुछौ ये क्या चाहती है
जिन्दगी से पुछौ ये क्या चाहती है, बस ऐक तेरी वफा चाहती है, कीतनी मासुम और नादान है जीन्दगी , खुद बेवफा हे और वफा चाहती है
चिड़ियाँ उड़ तोता उड़
अरे हम तो हाथी को भी हवा में उड़ा दिया करते थे. . . . . . . . . . . . . . वो अलग बात है की अब चिड़ियाँ उड़, तोता उड़ खेलना छोड़ दिया..
एक ही डाली के दो फूल
एक ही डाली के दो फूल.. अलग अलग अभिलाषा लिए पलते है..! बेटियां बडा होने से डरती है.. और बेटे बड़ा होने के लिए मचलते हैं..!!
फिक्र तब होती है जब
जुबाँ न भी बोले तो, मुश्किल नहीं… फिक्र तब होती है जब… खामोशी भी बोलना छोड़ दें…।।
कुछ अजीब सा रिश्ता है उसके
कुछ अजीब सा रिश्ता है उसके और मेरे दरमियाँ, ना नफरत की वजह मिल रही है, ना मोहब्बत का सिला…!!!
बरसों बाद इक ख़त आज आया है
बरसों बाद इक ख़त आज आया है, तुम्हे याद आई है या गलत पते पे आया है…!!!