टपक पड़ते है

टपक पड़ते है आंसू जब तुम्हारी याद आती है, ये वो बरसात है जिस का कोई मोसम नहीं होता!!

हुस्न और इश्क

हुस्न और इश्क बहुत रोये गले मिल मिल कर…!! जाने क्या कह दिया दीवाने ने दीवाने से….

खुश नसीब होते हैं

खुश नसीब होते हैं बादल, जो दूर रहकर भी ज़मीन पर बरसते हैं, और एक बदनसीब हम हैं, जो एक ही दुनिया में रहकर भी.. मिलने को तरसते हैं…

काँच सा था..

सुख मेरा, काँच सा था.. ना जाने कितनों को चुभ गया..!!

एक ही समानता है

एक ही समानता है पतंग औऱ जिन्दगी मॆं.. ऊँचाई में हो तब तक ही वाह-वाह होती हैं!!

यहाँ हर कोई

यहाँ हर कोई रखता है खबर , गैरो के गुनाहों की ….. अजब फितरत हैं …. कोई आईना नही रखता !!

सुनो…तुम्हारी दो बाहें

सुनो… तुम्हारी दो बाहें मेरी जमीं… तुम्हारी दो आँखें मेरा आसमान…

कुछ इस तरह

कुछ इस तरह से मेरी वो फिकर करता है अनजान बनकर ही सही पर मेरा जिकर करता है|

कैसी उम्र में

कैसी उम्र में आ कर मिले हों हमसे, जब हाथों की मेंहंदी बालों में लग रही है।

ज़िंदगी के ये सवालात

ज़िंदगी के ये सवालात कहाँ थे पहले, इतने उलझे हुए हालात कहाँ थे पहले..

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