ना ढूंढ मेरा किरदार

ना ढूंढ मेरा किरदार दुनियाँ की भीड़ में… वफादार तो हमेशा तन्हां ही मिलते है ।

हम भी मुस्कुराते थे

हम भी मुस्कुराते थे कभी बेपरवाह अंदाज से देखा है खुद को आज पुरानी तस्वीरों में…..

हम भी मोहब्बत करते हैं…

हम भी मोहब्बत करते हैं… पर बोलते नही क्योकि रिश्ते निभाते है….तौलते नही….

हम भी मुस्कुराते थे

हम भी मुस्कुराते थे कभी बेपरवाह अंदाज से देखा है खुद को आज पुरानी तस्वीरों में…..

कुछ तो है

कुछ तो है जो बदल गया जिन्दगी में मेरी… अब आइने में चेहरा मेरा हँसता हुआ नज़र नहीं आता

कभी बेपनाह बरसी

कभी बेपनाह बरसी, तो कभी गुम सी हैं… ये बारिशें भी कुछ कुछ तुम सी हैं…

अगर गुलाब देने से

अगर गुलाब देने से मोहबत हो जाया करती, तो आज माली सारे शहर भर का यार होता।

बाहें डाल कर

बाहें डाल कर , मेरी गर्दन तो नाप ली, अब फन्दे मोहब्बत के , बनाना शुरू करो..!

गुनाहगार को इतना

गुनाहगार को इतना. पता तो होता हैं ज़हा कोई नही होता खुदा तो होता हैं|

किसी को राह दिखलाई

किसी को राह दिखलाई किसी का ज़ख्म सहलाया किसी के अश्क जब पोंछे तब इबादत का मज़ा आया|

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