तेरा हुस्न एक जवाब,मेरा इश्क एक सवाल ही सही तेरे मिलने कि ख़ुशी नही,तुझसे दुरी का मलाल ही सही तू न जान हाल इस दिल का,कोई बात नही तू नही जिंदगी मे तो तेरा ख़याल ही सही|
Category: Urdu Shayri
लोग हर मोड़ पे
लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के संभलते क्यों हैं इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं मैं न जुगनू हूँ, दिया हूँ न कोई तारा हूँ रोशनी वाले मेरे नाम से जलते क्यों हैं
वो ढूंढते रहे इधर उधर
वो ढूंढते रहे इधर उधर शायद उन्हें हमारी तलाश थी पर अफ़सोस जिस जगह पर थे उनके कदम उसी कब्र में हमारी लाश थी …
ये तो मोहब्बत थी
ये तो मोहब्बत थी तुमसे जो तेरी बेवफ़ाई बर्दास्त कर गया। ऐ बेवफा वरना तेरे सीने से वो दिल निकाल लेता जो मोहब्बत के काबिल ना था।
खुश तो वो रहते हैं
खुश तो वो रहते हैं जो जिस्मो से मोहब्बत करते हैं, रूह से मोहब्बत करने वालों को अक्सर तड़पते देखा है..
कुछ खास जादू नही है
कुछ खास जादू नही है मेरे पास , बस्स बाते मै दिल से करता हूँ !!
वक़्त बीतने के बाद
वक़्त बीतने के बाद अक़्सर ये अहसास होता है, जो अधूरी छूट गयीं, वो ख्वाहिशें ज्यादा बेहतर थीं।
पसीने की स्याही से
पसीने की स्याही से जो लिखते है अपने इरादों को, उनके मुकद्दर के पन्ने कभी कोरे नहीं हुआ करते !!
आइना कुछ ऐसा भी
एक आइना कुछ ऐसा भी बना दे ऐ खुदा जो चेहरा नही नियत दिखा दे…
मेरे क़ाबू में
मेरे क़ाबू में न पहरों दिले-नाशाद आया, वो मेरा भूलने वाला जो मुझे याद आया।