टूटे हुए घर भी ज़रा देख ले चल के… तन्हाई में नक़्शे न बना ताज महल के…
Category: Urdu Shayri
शायरी मांगती है
हमसे पूंछो शायरी मांगती है कितना लहू, लोग समझते हैं कि धंधा बड़े आराम का है।
आते हैं दिन हर किसी के
आते हैं दिन हर किसी के बेहतर, जिंदगी के समंदर में हमेशा तूफान नही रहते।
बड़ा बाजार है
बड़ा बाजार है ये दुनियां, सौदा संभल के कीजिये, मतलब के लिफाफे में बेसुमार दिल मिलते है …….!!
इश्क है तो इश्क का
इश्क है तो इश्क का इजहार होना चाहिये…. आपको चेहरे से भी बीमार होना चाहिये…
आप दरिया हैं
आप दरिया हैं तो फिर इस वक्त हम खतरे में हैं…. आप कश्ती हैं तो हमको पार होना चाहिये…
ऐरे गैरे लोग
ऐरे गैरे लोग भी पढ़ने लगे हैं इन दिनों… आपको औरत नहीं अखबार होना चाहिये…
जिंदगी कब तलक दर दर
जिंदगी कब तलक दर दर फिरायेगी हमें…. टूटा फूटा ही सही घर बार होना चाहिये…
ये हवा इश्क की
ये हवा इश्क की लगी जबसे…. प्यार करना मुझे भी आया है…
रात होने से
रात होने से भी कहीं पहले….चाँद मेरा नजर तो आया है…