जख्म कैसे दिखाऊं ये तुमको…. सबने मिल के मुझे सताया है…
Category: Urdu Shayri
दर्द दे तो गया है
दर्द दे तो गया है आशकी का….हर तरफ आंसुओं का साया है…
किस तमन्ना से
किस तमन्ना से तुझे चाहा था… किस मोहब्बत से हार मानी है…
ये जो भी आज
ये जो भी आज हाल है… सब तेरी ही मेहरबानी है…
अब में क्यों तुझे
अब में क्यों तुझे प्यार करता हूँ… जब तेरे शहर से गुज़रता हूँ…
तेरी रुसवाइयों से
तेरी रुसवाइयों से डरता हूँ… जब भी तेरे शहर से गुज़रता हूँ…
तू मुझे छोड़ के
तू मुझे छोड़ के चली भी गयी…खैर किस्मत मेरी नसीब मेरे…
वो घडी आई…
आखिर कार वो घडी आई… बार-ऐ-बार हो गए रक़ीब मेरे…
जाने किन वादियो में
जाने किन वादियो में ठहरा है…गिरत-ऐ-हुस्न कारवाँ तेरा…
ये भी मुझे
ये भी मुझे नही मालूम… किस मोहल्ले में है मकान तेरा..