मुस्कुराने से शुरु और रुलाने पे

मुस्कुराने से शुरु और रुलाने पे ख़त्म.. ये वो ज़ुल्म है जिसे लोग मुहब्बत कहते है…!

कदम रुक से गए

कदम रुक से गए आज फूलो को बिकता देख, वो अक्सर कहा करते थे की प्यार फूलो जैसा होता हें…

शतरंज में वजीर

शतरंज में वजीर और ज़िन्दगी में ज़मीर, अगर मर जाये तो खेल ख़त्म हो जाता है…..

वो तब भी थी

वो तब भी थी अब भी है और हमेशा रहेगी ये मोहब्बत है …. पढाई नही जो पूरी हो जाए…..

उजागर हो गई

उजागर हो गई होतीं वो करतूतें सभी काली, ख़बर को आम होने से मगर अखबार ने रोका

दिल की किताब में

दिल की किताब में गुलाब उनका था, रात की नींद में ख्वाब उनका था, कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा, मर जाएंगे तुम्हारे बिना ये जवाब उनका था…

बेवजह दीवारों पर

बेवजह दीवारों पर इल्ज़ाम है, बँटवारे का… लोग मुद्दतों से एक कमरे में अलग-अलग रहते है…

कभी ये लगता है

कभी ये लगता है अब ख़त्म हो गया सब कुछ कभी ये लगता है अब तक तो कुछ हुआ भी नहीं

जब तक बिके न थे

जब तक बिके न थे हम, कोई हमें पूछता न था, तूने खरीद के हमें, अनमोल कर दिया |

मेरी वफ़ा का

मेरी वफ़ा का कभी इम्तिहान मत लेना की मेरे दिल को तेरे लिए हारने की आदत है…..

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