मुझे कुछ नहीं कहना……..बस इतनी गुज़ारिश है.. मुझे तुम उतने ही मिल जाओ जितने याद आते हो…
Category: Urdu Shayri
एक वो दिन
एक वो दिन जब लाखों गम और काल पड़ा है आंसू का, एक वो दिन जब एक जरा सी बात पे नदियां बहती थीं।
ऐ ग़ालिब तू शोर न कर….
ऐ ग़ालिब तू शोर न कर…. रजामंद तुझे भी किया जायेगा…. फरमाईस बता तेरी क्या है पैमाने-जाम तुझे भी दिया जायेगा……..
हवा के हौसले
हवा के हौसले ज़ंजीर करना चाहता है वो मेरी ख़्वाहिशें तस्वीर करना चाहता है|
कर दुनिया की तरफदारी
कर दुनिया की तरफदारी हम , खुद के खिलाफ हो बैठे हैं ।
कोई लफ्ज़ मुहब्बत का
कोई लफ्ज़ मुहब्बत का, बता दे ऐ दोस्त जो फ़रेब की चादर से लिपटा ना हो…..!!
दामन की सिलवटो पे
दामन की सिलवटो पे बड़ा नाज़ है हमें घर से निकल रहे थे कि बच्चा लिपट गया
फ़रार हो गई होती
फ़रार हो गई होती कभी की रूह मिरी बस एक जिस्म का एहसान रोक लेता है|
हँसकर कबूल क्या करलीं
हँसकर कबूल क्या करलीं, सजाएँ मैंने……. ज़माने ने दस्तूर ही बना लिया, हर इलज़ाम मुझ पर लगाने का……
बस इक हवा का फेर है
बस इक हवा का फेर है वो भी #हवा हो जाएगा मैं सोचता रह जाऊँगा मुझ में ये मुझ सा कौन है