वो लफ्ज़ कहा से लाऊँ,जो तेरे दिल को मोम कर दे मेरा वजूद पिघल रहा है,तेरी बेरुखी से..!!
Category: Urdu Shayri
अजब तमाशे है
अजब तमाशे है दुनिया में यारों, कोड़ीयो में इज्जत और करोड़ो में कपड़े बिकते है !!
ये जो ज़िन्दगी की किताब
ये जो ज़िन्दगी की किताब है ये किताब भी क्या किताब है कभी एक हसीन सा ख्वाब है कभी जानलेवा अज़ाब है।
सोचा ही नहीं था..
सोचा ही नहीं था.. जिन्दगी में ऐसे भी फ़साने होगें…!! रोना भी जरूरी होगा.. और आँसू भी छुपाने होगें…!!!
हमारा हाल क्या होता…
तुम्हारी बेरुखी पर भी लुटा दी ज़िन्दगी हमने, अगर तुम मेहरबां होती, हमारा हाल क्या होता….
तुम्हारी बेरूखी ने
तुम्हारी बेरूखी ने लाज रख ली बादाखाने की……! तुम आंखों से पिला देते तो पैमाने कहाँ जाते…..
दीवार क्या गिरी
दीवार क्या गिरी मेरे कच्चे मकान की, लोगों ने मेरे घर से रास्ते बना लिए
ज़ख्म ख़ुद सारी कहानी
ज़ख्म ख़ुद सारी कहानी कह रहे हैं ज़ुल्म की, क्या करें फिर भी अदालत को गवाही चाहिए…
उम्मीद वफ़ा की
उम्मीद वफ़ा की,और तमन्ना जिस्म की इन पढ़े-लिखों की मोहब्बत से तो, मैं गवांर ही अच्छा हूं|
वो लोग अपने आप में
वो लोग अपने आप में कितने अज़ीम थे जो अपने दुश्मनों से भी नफ़रत न कर सके