हमारी महोबत ऐसी है….. आपके ना होते हुऐ भी आपसे ही रहेगी…
Category: Shayri
उसकी आँखों में
उसकी आँखों में नज़र आता है सारा जहां मुझ को….. अफ़सोस कि उन आँखों में कभी खुद को नहीं देखा..
इस दुनिया के
इस दुनिया के सभी लोग आपके लिये बहोत अच्छे है, बस शर्त इतनी सी है की आपके दिन अच्छे होने चाहिये !!
सुकून की कमी
जब तुम्हे सुकून की कमी महसूस हो तो अपने रब से तौबा किया करो…….. क्योकि इंसान के गुनाह ही है जो उसे बैचैन रखते है
वो जो निकले थे
वो जो निकले थे घर से मशालें लेकर बस्तियां फूकने, अँधेरे मकान में अपनों को अकेला छोड़ आये हैं|
ग़ुलाम हूँ अपने घर की
ग़ुलाम हूँ अपने घर की तहज़ीब का वरना लोगों को औकात दिखाने का हूनर भी रखता हूँ|
मैने अपने साये को
मैने अपने साये को भी मार डाला है मेरी तन्हाई अब मुक्कमल है।
राख बेशक हूँ
राख बेशक हूँ पर मुझमे हरकत है अभी भी, जिसको जलने की तमन्ना हो हवा दे मुझको..
उड़ने दो मिट्टी
उड़ने दो मिट्टी,कहाँ तक उड़ेगी, हवा का साथ छूटेगा, ज़मीं पर आ गिरेगी…!
मुझे किसी ग़ज़ल सा
मुझे किसी ग़ज़ल सा लगता है ये नाम तुम्हारा देखो तुम्हे याद करते करते मैं शायर बन गयी|