अच्छा नही लगता ये मनहूस अलार्म को सुनकर उठना, काश तुम जुल्फो से पानी झटक कर हमे भी जगाती…!
Category: Shayri-E-Ishq
जो व्यस्त थे
जो व्यस्त थे वो व्यस्त ही निकले, . वक्त पर अस्त व्यस्त लोग ही काम आये
बारिश के बाद
बारिश के बाद तार पर टंगी आख़री बूंद से पूछना ? क्या होता है अकेलापन ।
फिर उड़ गयी
फिर उड़ गयी नींद ये सोच कर, सरहद पर वो बहा खून मेरी नींद के लिए था..!!
मुलाक़ातें तो आज भी
मुलाक़ातें तो आज भी हो जाती है तुमसे,क्योकी ख़्वाब किसी ताले के मोहताज नही होते..!!
खुश रहा करो
खुश रहा करो, क्यों कि परेशान होने से कल की मुश्किल दूर नहीं होती, बल्कि आज का सुकून भी चला जाता है..!!!
बड़ी नादान है
बड़ी नादान है इस निकम्मे दिल की हरकतें जो मिल गया उसकी कदर ही नहीं, और जो ना मिला उसे भूलता नही!
झूठे वादों के
समेट कर ले जाओ..अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से..अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर..इनकी ज़रूरत पड़ेगी।
अब और नही
अब और नही होती इश्क की गुलामी यारो….. अब कह दो उससे हो जाये जिसका होना चाहेँ..
फासला रख के
फासला रख के क्या हासिल कर लिया तुमने, रहते तो आज भी तुम मेरे दिल में ही हो…!!!