क्या बतायें हमारी निगाह

क्या बतायें हमारी निगाह में क्या हो तुम!! खुदा का डर है वरना कह दें,खुदा हो तुम!

बहते हैं आँसूं तो

बहते हैं आँसूं तो मुस्कुराता हूँ मैं यूँ भी तो तेरी यादें बाहर आए कभी…

उम्र ने तलाशी ली

उम्र ने तलाशी ली, तो जेबों से लम्हे बरामद हुए ; कुछ ग़म के, कुछ नम थे, कुछ टूटे, कुछ सही सलामत थे.

जो क़िस्सा था

जो क़िस्सा था ख़ुद से छुपाया हुआ… वो था शहर भर को सुनाया हुआ…

अजीब सा ज़ायका है

अजीब सा ज़ायका है तेरा जिन्दगी जीभ पर लगती नहीं कि झट स्वाद बदल लेती है ।।

लुटा के हर चीज़

लुटा के हर चीज़ मंजिल ऐ इश्क़ की राह में !! हंस पड़ा हूँ मैं आज खुद को बर्बाद देख के !!

आज यह कैसी उदासी

आज यह कैसी उदासी छाई है, तन्हाई के बादल से भीगी जुदाई है, टूट के रोया है फिर मेरा दिल, जाने आज किसकी याद आई है।

पत्थर में एक ही कमी है

पत्थर में एक ही कमी है कुछ भी करों…. वह पिघलता नहीं लेकिन उसकी एक ही खूबी है वह कभी बदलता भी नहीं.

ना पूछ रात भर

ना पूछ रात भर जागने की वजह ऐ दिल-ए-नादान…. मोहब्बत में कुछ सवालों के जवाब नहीं होते….

कुछ नहीं कहते

कुछ नहीं कहते, ना रोते हैं…. दुःख पिता की तरह होते हैं….

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