ऐ खुदा इश्क़ में दोनों को मुकम्मल कर दे उसे दीवाना बना दे….. मुझे पागल कर दे
Category: Shayri-E-Ishq
मेरी गलतियां मुझसे
मेरी गलतियां मुझसे कहो दूसरो से नहीं, कियोंकि सुधार ना मुझे है उनको नही….. …………
अधूरे हो जाते हैं
मुक़म्मल होने की ख़्वाहिश में हम…!… और भी ज़्यादा अधूरे हो जाते हैं…!!
सोचा तो नहीं था
ऐसा कोई जिंदगी से वादा तो नहीं था तेरे बिना जीने का इरादा तो नहीं था तेरे लिये रातो में चाँदनी उगाई थी क्यारियों में खुशबू की रोशनी लगाई थी जाने कहाँ टूटी है डोर मेरे ख्वाब की ख्वाब से जागेंगे सोचा तो नहीँ था शामियाने शामो के रोज ही सजाएं थे कितनी उम्मीदों के… Continue reading सोचा तो नहीं था
उमर बीत गई
उमर बीत गई पर एक जरा सी बात समझ में नहीं आई…!! हो जाए जिनसे मोहब्बत,वो लोग कदर क्युँ नहीं करते…..!
गुज़र जायेगा ये
गुज़र जायेगा ये दौर भी ज़रा सा इतमिनान तो रख… जब खुशियाँ ही नही ठहरीं तो ग़म की क्या औक़ात है..
मेरे दिल की ख़ामोशी
मेरे दिल की ख़ामोशी पर मत जाओ दोस्तों, क्यूंकि राख के नीचे अक्सर आग दबी होती है!!
रोने की वजह न
रोने की वजह न थी हसनेका बहाना न था क्यो हो गए हम इतने बडे इससे अच्छा तो वो बचपन का जमाना था!
सुनो मुझको खो
सुनो मुझको खो दोगी तो पछताओगी बहुत …! ये आखरी गलती तुम बहुत सोच-समझ कर करना …!!
सोने से पहले
सोने से पहले तुम्हे याद करलु कोई दुआ हो जैसे पूरी करलु