खुद ही दे जाओगे तो बेहतर है..! वरना हम दिल चुरा भी लेते हैं..!
Category: Shayri-E-Ishq
हाल ए दिल
बस मे होता गर हाल ए दिल बयाँ करना तो कसम से हम आईने को भी रुला देते…
मेरी बात सुन
मेरी बात सुन पगली अकेले हम ही शामिल नही है इस जुर्म में…. जब नजरे मिली थी तो मुस्कराई तू भी थी.
शब्दों की प्यास
शब्दों की प्यास किसे है मुझे तो तुम्हारी खामोंशियों से इश्क है,,,
लो अपना बना कर..
सुनो… तुम ही रख लो अपना बना कर.. औरों ने तो छोड़ दिया तुम्हारा समझकर..!!
हमसे इश्क़ करके
परेशां है वो हमसे इश्क़ करके वफादारी की नौबत आ गई है….
अपनी यादों को ज़रा
समझा दो तुम, अपनी यादों को ज़रा… … वक़्त बे-वक़्त तंग करती हैं मुझे, कर्जदारों की तरह ।
परेशान हुआ है
मुद्दतों बाद आज फिर परेशान हुआ है ये दिल ….,,, ना जाने किस हाल मै होगा मुझसे रूठने वाला !!
तेरी दी हुई तन्हाई
बह चुभती है मेरी आंखों में अँधेरा हमसफ़र लगता है तेरी दी हुई तन्हाई का असर ये है अपने आप से डर लगता है
हां और ना
हां और ना दोनों एक ही शब्द है, जिन्हें जवाब मिला वो बर्बाद ही हुआ है..