लकीर नहीं हूँ मैं

इंसान हूँ, तहरीर नहीं हूँ मैं । पत्थर पे लिखी लकीर नहीं हूँ मैं ।। मेरे भीतर इक रूह भी बसती है लोगों सिर्फ़ एक अदद शरीर नहीं हूँ मैं ।।

दिल चाहता है

दिल चाहता है धोख़े से ज़हर दे दूँ , आज सब ख़्वाहिशों की दावत कर के”..!!

इश्क का नाम

ऐ उम्र ! कुछ कहा मैंने, पर शायद तूने सुना नहीँ.. तू छीन सकती है बचपन मेरा, पर बचपना नहीं..!! हर बात का कोई जवाब नही होता हर इश्क का नाम खराब नही होता… यु तो झूम लेते है नशेमें पीनेवाले मगर हर नशे का नाम शराब नही होता… खामोश चेहरे पर हजारों पहरे होते… Continue reading इश्क का नाम

चलो फिर से

चलो फिर से कहीं दिल लगा लेते हैं ,… … सुना है अच्छे दिन आने वाले हैं ।

कंकर फ़ेंको जनाब

अल्फ़ाज़ के कुछ तो कंकर फ़ेंको जनाब, झील सी गहरी ख़ामोशी है यहां.!!

जितना दम है

कलम में जितना दम है जुदाई की बदौलत है ! वरना लोग मिलने के बाद लिखना छोड़ देते है ..!?

जिनकी बातों में

अपनापन छलके जिनकी बातों में, सिर्फ कुछ ही बंदे ऐसे होते हैं लाखों में!

जिँदगी की राहो पर

जिँदगी की राहो पर कभी यूँ भी होता है….! इंसान खुद रो पड़ता है अकेले मै,… किसी को हौँसला देनै के बाद…!!

दर्द देने के लिए

अगर मेरी शायरियो से बुरा लगे,तो बता देना दोस्तो, मै दर्द बाटने के लिए लिखता हूँ , दर्द देने के लिए नहीं॥

जिंदगी चैन से

जिंदगी चैन से गुज़र जाये…. अगर वो मेरे जहन से उतर जाये….

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