मै तो तेरे एहसास से ही महक गया… खुदा जाने इश्क होता तो क्या होता…
Category: Shayari
रात की झील
रात की झील में गोते लगाने चल दिए थे तुम थी, मैं था, और एक जगमगाती कश्ती थी !
मुहोब्बत करोगे तो
नफरत करोगे तो अधुरा किस्सा हूँ मैं.. मुहोब्बत करोगे तो तुम्हारा ही हिस्सा हूँ मैं..
बन के तुम मेरे
बन के तुम मेरे मुझको मुक्कमल करदो, … अधूरे अधूरे तो अब, हम खुद को भी अच्छे नही लगते ।
मां के पैर छूकर
बदल गया है जमाना, पहले मां के पैर छूकर घर से निकलते थे… और अब मोबाईल फोन की बैटरी फुल करके….
अपनी महफ़िल से
ग़रीब समझकर आज उसने उठा दिया हमें अपनी महफ़िल से ? . कोई मेरी ख़ातिर पूछे उनसे, क्या चाँद की महफ़िल में सितारे नहीं होते ??
दौलत तो साथ
बस दुआएँ बटोरनें आया हूँ, माँ ने कहा, . दौलत तो साथ जाती नहीं”..
कहीं भी नहीं मिले
आखिर थक हार के, लौट आया मैं बाजार-ए – दुनिया से . . कि यादों को बंद करने के ताले, कहीं भी नहीं मिले___!!
Aye Jindagi Kash
KYA KHUB LIKHA HAI KISINE…….. ”Aye Jindagi Kash Tu Hi Ruth Jati Mujhse……. . Kyoki……. . Ye Ruthe Hue Log Ab Mujhse Manaye Nahi Jaate……….
आज मौसम ने भी
आज मौसम ने भी की बचकानी हरकत दो बून्द कशिश के साथ बस एहसास दिलाकर चला गया.. महसूस कुछ यूँ हुआ कि वो पास आकर चला गया..!!