जिन्दगी बैठी थी

जिन्दगी बैठी थी अपने हुस्न पै फूली हुई, मौत ने आते ही सारा रंग फीका कर दिया………..

मैं खुल के हँस तो रहा हूँ

मैं खुल के हँस तो रहा हूँ फ़क़ीर होते हुए. वो मुस्कुरा भी न पाया अमीर होते हुए..

उसकी जीत से

उसकी जीत से होती हे ख़ुशी मुझको….! यही जवाब मेरे पास अपनी हार का था ….

मसरुफ रहने का अंदाज

मसरुफ रहने का अंदाज आपको तन्हा ना कर दे, रिश्ते फुरसत के नही, तवज्जो के मोहताज़ होते हैं ….

हम ने कब माँगा है

हम ने कब माँगा है तुम से अपनी वफ़ाओं का सिला बस दर्द देते रहा करो “मोहब्बत” बढ़ती जाएगी|

सच बोलता हूँ

सच बोलता हूँ तो टूट जाते हैं रिश्ते, झूठ कहता हूँ तो खुद टूट जाता हूँ…

इसी फ़रेब में रखा है

दिल को इसी फ़रेब में रखा है उम्रभर इस इम्तिहां के बाद कोई इम्तिहां नहीं !!!

कुछ ना कर सकोगे

कुछ ना कर सकोगे मेरा मुझसे दुश्मनी करके, मोहब्बत कर लो मुझसे अगर मुझे मिटाना ही चाहते हो तो…

तुजसे एक सवाल है

एय खुदा … तुजसे एक सवाल है मेरा … उसके चहेरे क्यूँ नहीं बदलते ?? जो इन्शान ” बदल ” जाते है …. !!

हर गम ने

हर गम ने ,हर सितम ने ,नया होसला दिया, मुझको मिटाने वालो ने , मुझको बना दिया|

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