लोग कहते है की सच्चे प्यार की हंमेशा जीत होती है,परंतु होती कब है ये भी बता देते !!
Category: Sad Shayri
ये जो ज़िन्दगी की किताब
ये जो ज़िन्दगी की किताब है ये किताब भी क्या किताब है कभी एक हसीन सा ख्वाब है कभी जानलेवा अज़ाब है।
सोचा ही नहीं था..
सोचा ही नहीं था.. जिन्दगी में ऐसे भी फ़साने होगें…!! रोना भी जरूरी होगा.. और आँसू भी छुपाने होगें…!!!
हमारा हाल क्या होता…
तुम्हारी बेरुखी पर भी लुटा दी ज़िन्दगी हमने, अगर तुम मेहरबां होती, हमारा हाल क्या होता….
उम्मीद वफ़ा की
उम्मीद वफ़ा की,और तमन्ना जिस्म की इन पढ़े-लिखों की मोहब्बत से तो, मैं गवांर ही अच्छा हूं|
दो गज़ ज़मीन नसीब हो गयी
दो गज़ ज़मीन नसीब हो गयी यही बहुत है, सिकंदरो को अब जहान सारा मुबारक हो|
हर रात मैं लिखूं….
हर रात मैं लिखूं…. ज़रूरी तो नहीं…. कभी-कभी लफ्ज़ भी सोया करते है…
टूट पड़ती थीं
टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देखकर वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए|
छोड़ ये बात
छोड़ ये बात,… मिले जख्म,….. मुझे कहां से, ऐ ज़िन्दगी इतना बता, कितना सफर बाकी है…
पलको पे बिठा के
पलको पे बिठा के रखेगे ससुराल वाले…. मालूम ना था बाबा भी झूठ बोलेगे…..