तुम निकले ही थे बन-सँवर कर मैं मरता नहीं तो क्या करता…
Category: Sad Shayri
आईना हूं तेरा
आईना हूं तेरा, क्यूं इतना कतरा रहे हो.. सच ही कहूंगा, क्यूं इतना घबरा रहे हो..
महंगाई का आलम
महंगाई का आलम ना पूछो दोस्तों घर क्या ले जाना है, जानबूझ के भूल जाता हूँ!!
जिस जिस ने मुहब्बत में
जिस जिस ने मुहब्बत में अपने महबूब को खुदा कर दिया..! . खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए उनको जुदा कर दिया..!!
बहुत तड़पा हूं
बहुत तड़पा हूं खुदाया… तेरे इक बन्दे के पीछे
उसने फिर मेरा हाल पूछा है…
उसने फिर मेरा हाल पूछा है… कितना मुश्किल सवाल पूछा है॥
ना ढूंढ मेरा किरदार
ना ढूंढ मेरा किरदार दुनियाँ की भीड़ में… वफादार तो हमेशा तन्हां ही मिलते है ।
हम भी मुस्कुराते थे
हम भी मुस्कुराते थे कभी बेपरवाह अंदाज से देखा है खुद को आज पुरानी तस्वीरों में…..
हम भी मोहब्बत करते हैं…
हम भी मोहब्बत करते हैं… पर बोलते नही क्योकि रिश्ते निभाते है….तौलते नही….
सहम सी गयी है
सहम सी गयी है ख्वाइशें.. जरूरतों ने शायद उनसे….ऊँची आवाज़ में बात की होगी।