मैं वो बात हूँ

मैं वो बात हूँ, जो बनी नहीं.. मैं वो रात हूँ,जो कटी नहीं !!

ज़िन्दगी के हिसाब किताब

ज़िन्दगी के हिसाब किताब भी बड़े अजीब थे जब तक हम अज़नबी थे, ज्यादा करीब थे….

बचा न कहने को

कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गई आओ कहीं शराब पिएँ रात हो गई|

टूटी फूटी कश्ती

टूटी फूटी कश्ती और एक खुश्क समंदर देखा था…. कल रात झांक के शायद मैंने अपने अंदर देखा था….

मैं लिखता हुं

मैं लिखता हुं सिर्फ दिल बहलाने के लिए…. वर्ना जिसपर प्यार का असर नही हुआ उस पर अल्फाजो का क्या असर होगा..

चित्रकार तुझे उस्ताद

चित्रकार तुझे उस्ताद मानूँगा,…. दर्द भी खींच मेरी तस्वीर के साथ…

मतलब की बात

मतलब की बात सब समझते हैं लेकिन बात का मतलब कोई नहीं समझता ।

बस आज के दिन

बस आज के दिन उनका इंतजार कर लूँ, इसी सोच में तमाम उम्र गुजार दी मैंने !!

बदन इतना महंगा भी

बदन इतना महंगा भी न कर लीजिये हुजूर रूह तड़प उठे की घर बदलना है..

अंदर से तो

अंदर से तो कब के मर चुके है हम ए मौत तू भी आजा, लोग सबूत मांगते है..!!!!

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