कल के पन्ने

कल के पन्ने खाली रह गए, जो आज लिखा जा रहा है, पता नहीं! कोरा कागज न छूट जाए।

न ख़ुशी अच्छी है

न ख़ुशी अच्छी है ऐ दिल, न मलाल अच्छा है, यार जिस हाल में रखे, वही हाल अच्छा है।

बस मुस्करा दो

बस मुस्करा दो, तबियत ख़ुश हो जाती है मेरी; सारे शहर में ढूँढ लिया, हकीम तुम सा नहीं|

कुछ न कुछ

कुछ न कुछ तो है उदासी का सबब… अब मान भी जाओ की याद आते है..हम…

वो ख्याल क्यों तेरे!

किताब मेरी, पन्ने मेरे और सोच भी मेरी; फिर मैंने जो लिखे वो ख्याल क्यों तेरे!

बहुत अलग सा है

बहुत अलग सा है मेरे दिल का हाल; एक तेरी ख़ामोशी और मेरे लाखों सवाल!

पहले भी था

पहले भी था अब भी है इश्क़ हमारा बाग़ का चौकीदार हो गया|

भरोसे की आदत

भरोसे कितने भी टूट जाये, मगर भरोसे की आदत नहीं ।

दीवाना पूछता है

दीवाना पूछता है ये लहरों से बार-बार… कुछ बस्तियाँ यहाँ थीं बताओ किधर गईं…!!!

सोचता तक नहीं हूँ

सोचता तक नहीं हूँ यारा कभी, मेरे मुकद्दर मै क्या क्या है मुस्करा कर मुलाकात करता हूँ वक्त के हर एक लम्हे से|

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