कोई पत्थर तो नहीं…

हर बार वो क्यों मुझे छोड़ जाता है तन्हा, मैं मज़बूत तो बहुत हूँ मगर कोई पत्थर तो नहीं…

ये आसमान में हैं

न हौसले अभी टूटे ये आसमान में हैं लहू लुहान हैं पँछी मगर उड़ान में हैं|

जरा ठहर ऐ जिंदगी

जरा ठहर ऐ जिंदगी तुझे भी सुलझा दुंगा ,पहले उसे तो मना लूं जिसकी वजह से तू उलझी है..

कुछ उलझे सवालो से

कुछ उलझे सवालो से डरता है दिल जाने क्यों तन्हाई में बिखरता है दिल किसी को पाने कि अब कोई चाहत न रही बस कुछ अपनों को खोने से डरता है ये दिल|

इश्क़ सभी को

इश्क़ सभी को जीना सीखा देता है, वफ़ा के नाम पर मरना सीखा देता है. इश्क़ नही किया तो करके देखो, ज़ालिम हर दर्द सहना सीखा देता है|

मोहब्बत नहीं रही

मोहब्बत नहीं रही अब जमाने में, अब लोग इश्क नहीं मजाक किया करते है !!

बेचैनियां सजा बन जाती है

बेचैनियां सजा बन जाती है , जब हद से गुजरती है दवा बन जाती है|

पूरी दुनिया का ख्याल

तुझे पूरी दुनिया का ख्याल हैं बस मेरा नहीं , मुझे बस तेरा ख्याल हैं और किसी का नहीं|

उम्र भर चलते रहे

उम्र भर चलते रहे मगर कंधो पे आए कब्र तक, बस कुछ कदम के वास्ते गैरों का अहसान हो गया..!!

मैं चिरागों की

मैं चिरागों की भला कैसे हिफाज़त करता वक़्त सूरज को भी, हर रोज़ बुझा देता है|

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