आँखों की दहलीज़ पे आके सपना बोला आंसू से… घर तो आखिर घर होता है… तुम रह लो या मैं रह लूँ….
Category: Love Shayri
तेरी रुसवाइयों से
तेरी रुसवाइयों से डरता हूँ… जब भी तेरे शहर से गुज़रता हूँ…
हाल ऐ दिल भी
हाल ऐ दिल भी न कह सके तुझसे…तू रही मुद्दतो करीब मेरे…
जरूरी नहीं की
जरूरी नहीं की हर बात पर तुम मेरा कहा मानों, दहलीज पर रख दी है चाहत, आगे तुम जानो….
तेरा हुस्न एक जवाब
तेरा हुस्न एक जवाब,मेरा इश्क एक सवाल ही सही तेरे मिलने कि ख़ुशी नही,तुझसे दुरी का मलाल ही सही तू न जान हाल इस दिल का,कोई बात नही तू नही जिंदगी मे तो तेरा ख़याल ही सही|
गुनाह कुछ हमसे
गुनाह कुछ हमसे ऐसे हो गए। यूँ अनजाने में फूलों का क़त्ल कर दिया। पत्थरों को मन ने में।
बर्बाद करना था
बर्बाद करना था तो किसी और तरीके से करते। जिंदगी बनकर जिंदगी ही छीन ली।
मेरी बातों से
मेरी बातों से कुछ सबक़ भी ले ..मेरी बातों का कुछ बुरा भी मान ..
खुद को देखता है आइना.!
आंखें अपनी साफ़ तो रखिये ज़रा.. उन में खुद को देखता है आइना.!
मुहब्बत मुक़म्मल होती तो
मुहब्बत मुक़म्मल होती तो ये रोग कौन पालता … अधूरे आशिक़ ही तो शायर हुआ करते हैं…