इंसान ना कुछ हंसकर सीखता है ना कुछ रोकर सीखता है जब भी कुछ अलग सीखता है तो, या तो किसी का होकर सीखता है… या फिर किसी को खोकर सीखता है…!!!
Category: Hindi Shayri
आसमां में उड़ने की चाह
आसमां में उड़ने की चाह रखने वाले.. कभी जमी पर गिरने की परवाह नहीं करते !!
लाख पता बदला
लाख पता बदला …..मगर पहुँच ही गया… ये ग़म भी था कोई “डाकिया” ज़िद्दी सा…
अब बहाने नहीं
मुस्कुराने के अब बहाने नहीं ढूढने पड़ते तुम्हें याद करते हैं तमन्ना पुरी हो जाती है|
गुजरूँगा तेरी गली से
गुजरूँगा तेरी गली से अब गधे लेकर क्यों कि तेरे नखरों के बोझ मुझसे अब उठाए नहीं जाते….
आईना साफ किया
आईना साफ किया तो “मैं” नजर आया। “मैं” को साफ किया तो “तू” नजर आया।।
उनके रूठ जाने में
उनके रूठ जाने में भी एक राज़ है साहब, वो रूठते ही इसलिए है की कहीं अदायें न भूल जाएं।।
मेरा सर झुक जाये…
कुछ विश क़ुबूल आखिर इस क़दर हो जाये… बारगाह में तेरी फिर से मेरा सर झुक जाये…
कटता नहीं है
कटता नहीं है बिन तेरे लम्हा-दो-लम्हा मेरे, जाने क्या सोच के उम्र भर का फैसला किया..
क्या खूब अदा है
आपके चलने की भी क्या खूब अदा है तेरे हर कदम पे एक दिल टूटता है|