ऐ समन्दर मैं तुझसे वाकिफ हूं मगर इतना बताता हुँ, वो आंखें तुझसे ज्यादा गहरी हैं जिनका मैं आशिक हुँ..!
Category: Hindi Shayri
कहाँ मांग ली थी
कहाँ मांग ली थी कायनात जो इतनी मुश्किल हुई- ऐ- खुदा.. .. सिसकते हुए लफ़्ज़ो में बस एक शख्स ही तो मांगा था…
ना जाने रोज कितने लोग
ना जाने रोज कितने लोग रोते रोते सोते है, और फिर सुबह झूठी मुस्कान लेकर सबको सारा दिन खुश रखते है !!
काश नासमझी में ही
काश नासमझी में ही बीत जाए.! ये ज़िन्दगी… समझदारी ने तो बहुत कुछ छीन लिया..!!
आदतें अलग हैं
आदतें अलग हैं, मेरी दुनिया वालों से, कम दोस्त रखता हूँ, पर लाजवाब रखता हूँ..
दबी है आवाज
दबी है आवाज दोनों के दरमियाँ तो क्या, बातें तो खामोश ख्वाहिशें भी करती हैं|
हम जिंदगी में
हम जिंदगी में बहुत सी चीजे खो देते है, “नहीं” जल्दी बोल कर और “हाँ” देर से बोल कर..
कुछ कहते खामोशियों से
कुछ कहते खामोशियों से कुछ नजरों से बतियाते है चन्द गुजरे लम्हे है ये, कुछ रोते कुछ मुस्काते है बस यही हिसाब है तेरा, कोई आना कोई जाना है गुजर जानी है जिंदगी , याद रहनी मुलाकाते है।
इस तरह सताया है
इस तरह सताया है परेशान किया है, गोया कि मोहब्बत नहीं एहसान किया है….!!
गीली आँखों का
गीली आँखों का दर्द कुछ ख़फ़ा सा है… ये जो सीने में धड़कता है बेवफ़ा सा है…