फिर से टूटेगा

फिर से टूटेगा दिल यह बेचारा , फिर से वही बेवफा और मैं हूँ …

आपके कदमों से

आपके कदमों से एक ठोकर क्या लगी, ‘ख़ाक’ भी उड़ के आसमां पे गयी…

रिश्ते गिर पडे..

जरा सी जेब क्या फटी… सिक्कोंसे ज्यादा रिश्ते गिर पडे..

थक कर सोये हैं

थक कर सोये हैं जब जब , नींदो की हदबन्दी मे ।हर बार छलक जाता है, आखो से ख्बाब तुम्हारा ।।

बेताब किया है ।

जज्बो को मेरे और भी बेताब किया है । मेहँदी लगाके तुमने जो आदाब किया है |

बिगाड़ कर बनाए जा

बिगाड़ कर बनाए जा या सवाँर कर बनाए जा में तेरा चिराग हु जलाए जा या बूझाए जा|

गुफ़्तुगू देर से

गुफ़्तुगू देर से जारी है नतीजे के बग़ैर इक नई बात निकल आती है हर बात के साथ |

उंगलिया डुबी है

उंगलिया डुबी है अपने ही लहू में। शायद ये कांच के टुकड़े उठाने की सजा है।।

यूँ तो शिकायते

यूँ तो शिकायते तुझ से सैंकड़ों हैं मगर तेरी एक मुस्कान ही काफी है सुलह के लिये..

छोड दी हमने

छोड दी हमने हमेशा के लिए उसकी, आरजू करना, जिसे मोहब्बत, की कद्र ना हो उसे दुआओ, मे क्या मांगना…

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