धड़कने मेरी बेचैन रहती है

धड़कने मेरी बेचैन रहती है आजकल, क्यूंकि तेरे बगैर ये धड़कती कम और तड़पती ज्यादा है !!❗❗❗

हर वक्त तेरे

हर वक्त तेरे ख्याल रहते हैं मुझे घेरे,जैसे मेरे हर एहसास भी हो गये तेरे..!!

अब इंतज़ार की आदत

अब इंतज़ार की आदत भी छोड़नी होगी.. उसने साफ साफ कह दिया भूल जाओ मुझे

गये दिनो का सुराग

गये दिनो का सुराग लेकर,किधर से आया किधर गया वो… अजीब मानुस गज़लसरा था,मुझे तो हैरान कर गया वो…

न जाने उँगली छुड़ाकर

न जाने उँगली छुड़ाकर निकल गया है किधर, बहुत कहा था ज़माने से साथ साथ चले ।

बेमौत मार डालेंगी

बेमौत मार डालेंगी ये होशमंदियाँ जीने की आरज़ू है तो धोके भी खाइये|

कभी फुर्सत मिले तो

कभी फुर्सत मिले तो, अपनी वो कलम भेजवा देना… जिससे आग,और पानी दोनों निकलते हैं… कुछ आँख के आंसू,कुछ लहू के रंग टपकते हैं… देखना था आखिर पन्ने जलते और भिग़ते क्यों नही…”

दिलों में रहता हूँ

दिलों में रहता हूँ धड़कने थमा देता हूँ मैं इश्क़ हूँ वजूद की धज्जियां उड़ा देता हूँ|

दिलों में रहता हूँ

दिलों में रहता हूँ धड़कने थमा देता हूँ मैं इश्क़ हूँ वजूद की धज्जियां उड़ा देता हूँ|

आँखों की बात है..

आँखों की बात है.. आँखों को ही कहने दो… कुछ लफ़्ज़ …लबों पर .. मैले हो जाते हैं!

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