न कोई फिकर

न कोई फिकर, न कोई चाह हम तो बड़े बेपरवाह है उम्र फकीराना गुजरी है हम तो ऐसे शहंसाह है|

अपनी चाहत के

अपनी चाहत के नाम कर लेना, कोई उँचा मकाम कर लेना, अगर किसी मोड़ पर मिलो मुझसे, एक प्यारा सलाम कर लेना…

Daur bhi guzar gya

Kahan ka ishq? Kahan ki wafa?? Kahan ki Mohabbat?? Arey sahab; Wo log bhi guzar gye, aur wo Daur bhi guzar gya

Naam Liye Bagair

Meri Mohabbat Ki Na Sahi, Mere Saleeke Ki To Daad De… Tera Zikr Roz Karte Hain, Tera Naam Liye Bagair

मत पूछ वज़ह

मत पूछ वज़ह…तु पसंद हैं बेवज़ह…

You are truly mine

I want to go to sleep at night, wake up every day, and breathe knowing you are truly mine…

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