वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे.. मैं तुझको भूल के ज़िंदा रहूँ ख़ुदा न करे।। रहेगा साथ तेरा प्यार ज़िन्दगी बनकर.. ये और बात मेरी ज़िन्दगी वफ़ा न करे।।
Category: शर्म शायरी
हुनर सीख लो
खुद पर भरोसा करने का हुनर सीख लो,.. … सहारे कितने भी सच्चे हो एक दिन साथ छोड़ ही जाते हैं.
प्यास तो मर कर भी
प्यास तो मर कर भी नहीं बुझती ज़माने की, मुर्दे भी जाते जाते गंगाजल का घूँट मांगते है”..
वो खुदा से
वो खुदा से क्या मोहब्बत कर सकेगा..! जिसे नफरत है उसके बनाये बन्दों से..!
परेशान हुआ है
मुद्दतों बाद आज फिर परेशान हुआ है ये दिल ….,,, ना जाने किस हाल मै होगा मुझसे रूठने वाला !!
मिन्नते फकिरो से
में करता हुं मिन्नते फकिरो से अकसर…….. …. जो ऐक पैसे में लाखो की दुआ दे जाते है…!!
तेरी दी हुई तन्हाई
बह चुभती है मेरी आंखों में अँधेरा हमसफ़र लगता है तेरी दी हुई तन्हाई का असर ये है अपने आप से डर लगता है
हां और ना
हां और ना दोनों एक ही शब्द है, जिन्हें जवाब मिला वो बर्बाद ही हुआ है..
उनकी आँखों का भी
सिर्फ हम ही नहीं परेशान याद में उनकी, काजल तो उनकी आँखों का भी कुछ बिखरा सा लगता हैं !!
खुला रखता हुँ
दिल के दरवाजों को हमेशा ही खुला रखता हुँ, कहा है उसने “देर लगेगी पर आयेंगी जरूर”