Jaha Diwaro me Darar Par Jaati Waha Diwar Gir Jati Hai. Aur Jaha Rishto Me Darar Par Jaati He Waha Diwar Khari Ho Jati Hai.
Category: शर्म शायरी
हँसकर दर्द छुपाने
हँसकर दर्द छुपाने की कारीगरी मशहूर थी मेरी पर कोई हुनर काम नहीं आता जब तेरा नाम आता
दिल गिरा होता
काश न्युटन के सर मे पेड के सेब की जगह किसी का टूटा हूआ दिल गिरा होता…… तो आज Physics की हर किताबो मे एक chapter इश्क का होता………..
दर्द से इतना हुआ
खाकसार’ नजात मिल न सकी शामे दर्द से इतना हुआ कि रस्मे दुआ आ गयी मुझे
तू तो नफ़रत
तू तो नफ़रत भी न कर पाएगा उस शिद्दत के साथ, जिस बला का प्यार तुझसे बे-ख़बर मैंने किया |
बुरे दिनों में
बुरे दिनों में कर नहीं कभी किसी से आस परछाई भी साथ दे, जब तक रहे प्रकाश
मोहब्बत केअफसानें
अल्फाज़ों में क्या बयाँ करे अपनी मोहब्बत के अफसानें हमारे दिल में तो वो ही वो है, उनके दिल की खुदा जाने..”
कितनी ज़ालिम है
ये बारिश भी कितनी ज़ालिम हे जो यूँ ही आकर चली जाती है… .. याद दिलाती है मेरे मेहबूब की.. और भिगोकर मुझे चली जाती है……
Meri bhi nigaho
Meri bhi nigaho ka sunle abb sawal Poochte hai kab aayega Jhonka phir tere deedar ka
kismat mai nahi
Tune ek aise shaksh ko chaha hai RAJ jise bhoolna teri kismaat mai nahi or pana teri kismat mai nahi……..