कितने गम दिये मैंने, कितनी खुशी दी तुमने, मार्च का महीना आ गया है आ तू भी हिसाब कर ले…
Category: वक़्त शायरी
मेरी ख़ामोशी की
मेरी ख़ामोशी की ख्वाहिश भी तुम, मेरी मोहब्बत की रंजिश भी तुम….
किस्सा बना दिया
किस्सा बना दिया एक झटके में उसने मुझे, जो कल तक मुझे अपना हिस्सा बताता था !!
भूलना भुलाना दिमाग़ का
भूलना भुलाना दिमाग़ का काम है साहिब…. आप दिल में रहते हो….बेफिक्र हो जाओ….!!
निभाते नही है..
निभाते नही है..लोग आजकल..! वरना. इंसानियत से बड़ा रिश्ता कौन सा है..
एक अरसा गुजर गया
एक अरसा गुजर गया तुम बिन फिर तेरी यादे क्यों नहीं गुजर जाती इस दिल से
जो जरा किसी ने
जो जरा किसी ने छेड़ा तो छलक पड़ेंगे आँसू.. कोई मुझसे ये ना पूछें मेरा दिल उदास क्यूँ है..
हर शख्श नहीं होता
हर शख्श नहीं होता अपने चेहरे की तरह, हर इंसान की हकिकत उसके लहजे बताते है..
खतों से मीलों सफर करते थे
खतों से मीलों सफर करते थे जज़्बात कभी, अब घंटों बातें करके भी दिल नहीं मिलते…!
उस को भी हम से
उस को भी हम से मोहब्बत हो ज़रूरी तो नहीं, इश्क़ ही इश्क़ की कीमत हो ज़रूरी तो नहीं।