जब से उसने बारिश में

जब से उसने बारिश में भीगना छोड़ दिया, बादलों ने मेरे शहर में बरसना छोड़ दिया।

कमबख्त बिकता भी नहीं.

किसी टूटे हुए मकान की तरह हो गया हैं ये दिल, कोई रहता भी नहीं और कमबख्त बिकता भी नहीं.

तुम थक तो नहीं जाओगे

तुम थक तो नहीं जाओगे इन्तजार में तब तक .? मैं मांग के आऊं खुदा से तुमको जब तक ..

इंसान बनने की फुर्सत

इंसान बनने की फुर्सत ही नहीं मिलती, आदमी मसरूफ है इतना, ख़ुदा बनने में…

अब तो पत्थर भी

अब तो पत्थर भी बचने लगे है मुझसे, कहते है अब तो ठोकर खाना छोड़ दे !!

लोगो ने कुछ दिया

लोगो ने कुछ दिया, तो सुनाया भी बहुत कुछ !! ऐ खुदा… एक तेरा ही दर है, जहा कभी ताना नहीं मिला ..

सजदों में भीगती है

सजदों में भीगती है जिनकी आखे वो लोग छोटी बातो पर रोया नहीं करते |

अजीब हैं इस दुनिया का

अजीब हैं इस दुनिया का दस्तूर… लोग इतनी जल्दी बात नहीं मानते, जितनी जल्दी बुरा मान जाते हैं..!

इंसान बनने की फुर्सत

इंसान बनने की फुर्सत ही नहीं मिलती, आदमी मसरूफ है इतना, ख़ुदा बनने में…

न जाने किसका

न जाने किसका मुक़द्दर संवरने वाला है वो किताब में एक चिट्ठी छुपा के निकली है|

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