वक़्त किसी का ग़ुलाम

लोग कहते हैं कि वक़्त किसी का ग़ुलाम नहीं होता फिर तेरी मुस्कराहट पे वक़्त क्यूँ थम सा जाता है|

मैं चरागों की भला

मैं चरागों की भला कैसे हिफाज़त करता , वक़्त सूरज को भी हर रोज़ बुझा देता है..

हुस्न भी तेरा

हुस्न भी तेरा, अदाएं भी तेरी, नखरे भी तेरे, शोखियाँ भी तेरी, कम से कम इश्क़ तो मेरा रहने दे…

अंदाज़ अपना देखते है

अंदाज़ अपना देखते है आईने में वो और ये भी देखते है कोई देखता ना हो ..

मेरी उम्र का अंदाज़

मेरी उम्र का अंदाज़ मेरे तज़ुर्बे से लगाना, मैंने सावन कम देखे होंगे पर बारिशें खूब देखी है।

एक तमन्ना तेरे संग

एक तमन्ना तेरे संग गुज़र जाए .. ये उम्र जो बाक़ी है …

मेरे शहर मैं

मेरे शहर मैं खुदाओं की कमी नहीं है,दिक्कतें तो मुझे आज भी इंसान ढूंढने में होती है…

लोग कहते है

लोग कहते है की सच्चे प्यार की हंमेशा जीत होती है,परंतु होती कब है ये भी बता देते !!

ज़िंदगी में आईना..

ज़िंदगी में आईना..जब भी उठाया करो… पहले खुद देखो फिर दिखाया करो..

रिश्ते और नाते..

रिश्ते और नाते.. मतलब की पटरी पर चलने वाली वो रेलगाड़ी है, जिसमे..जिस जिस का स्टेशन आता वो उतर जाता है !

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