अब तो यकीन करो

अब तो यकीन करो, मेरे इन आसूँओ को देखकर तुम..!! कि मुझे तुम्हारे सिवा किसी और से मोहब्बत ही नही…

आँख से आंसू

आँख से आंसू कैसे नीचे गिरने दूँ उसकी यादें मिटटी में मिल जाएँगी

बदलेँगे नहीँ ज़ज्बात

बदलेँगे नहीँ ज़ज्बात मेरे तारीखोँ की तरह… बेपनाह इश्क करने की ख्वाहीश उम्र भर रहेगी

जाने कितने झूले

जाने कितने झूले थे फाँसी पर,कितनो ने गोली खाई थी…. क्यो झूठ बोलते हो साहब, कि चरखे से आजादी आई थी….

हर नज़र से उम्मीद

हर नज़र से उम्मीद मत कर ऐ दिल! प्यार से देखना किसी की आदत भी होती है॥

रात तो आसानी से

दिललगी मै वक़्त-ए-तन्हाई ऐसा भी आता है, रात तो आसानी से गुजर जाती है, मगर अँधेरे नही जाते!!

कांच की गुडिया

कांच की गुडिया ताक में कब तक सजाये रखेंगे, आज नहीं तो कल टूटेगा, जिसका नाम खिलौना है..!!

मैं पूछता रहा

मैं पूछता रहा और फ़िर.. इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद । जैसे हक़ीक़त मिली हो ख़यालों के बाद ।। मैं पूछता रहा उस से ख़तायें अपनी । वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद ।।

मैं अपनी चाहतों का

मैं अपनी चाहतों का हिस्सा जो लेने बैठ जाऊं, तो सिर्फ मेरा याद करना भी ना लौटा सकोगे ।

हम उल्फ़त के बंदे

नहीं दैर-ओ-हरम से काम, हम उल्फ़त के बंदे हैं वही काबा है अपना, आरज़ू दिल की जहाँ निकले

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