यादों की किम्मत वो क्या जाने, जो ख़ुद यादों के मिटा दिए करते हैं, यादों का मतलब तो उनसे पूछो जो, यादों के सहारे जिया करते हैं.
Category: व्यंग्य शायरी
कुछ फासले ऐसे भी
कुछ फासले ऐसे भी होते हैं जनाब. जो तय तो नही होते, मगर नज़दीकियां कमाल की रखते है..
इश्क़ को नसीहत
इश्क़ को नसीहत और बेटो को वसीयत की जरुरत तभी पड़ती है, जब वो खुद बड़े कमजोर हो.
फना होने की इजाजत
फना होने की इजाजत ली नहीं जाती ये मोहब्बत है जनाब पूछ के की नहीं जाती…
तुझ पे खर्च करने के लिए
तुझ पे खर्च करने के लिए बहुत कुछ नहीं था मेरे पास थोड़ा वक़्त था थोड़ा मैं था..!!! दोनों बर्बाद हो गया
बेपरवाह हो जाते है
बेपरवाह हो जाते है अक्सर वो लोग, जिन्हे कोई बहुत प्यार करने लगता है…
दिल भी जिद पर
दिल भी जिद पर अडा है बच्चे की तरह, या तो वो चाहिए या फिर कुछ नहीं !!
इंतज़ार करते करते
इंतज़ार करते करते वक़्त क्यों गुजरता नहीं! सब हैं यहाँ मगर कोई अपना नहीं! दूर नहीं पर फिर भी वो पास नहीं! है दिल में कहीं पर आँखों से दूर कहीं!
दीदार के लिए
किसी और के दीदार के लिए उठती नहीं ये आँखे, बेईमान आँखों में थोड़ी सी शराफ़त आज भी है !!
बरबाद कर देती है
बरबाद कर देती है मोहब्बत हर मोहब्बत करने वाले को क्यूकि इश्क़ हार नही मानता और दिल बात नही मानता..!!