ज़रा सम्भाल कर

ज़रा सम्भाल कर रखियेगा इन्हे…रिश्ते हैं, कपड़े नहीं, कि रफ़ू हो जायें…!

तैर गये यूँ

तैर गये यूँ तो हम सारा समुंदर, डूबे तो तेरी आखों में डूबे…

मुकाबले की जिद

मुकाबले की जिद ठहरी तो आओ मुकाबला कर लें, हमने कई बार अपने हुनर से जमाने का भरम तोड़ा है…

जिंदगी में बेशक

जिंदगी में बेशक हर मौके का जरुर फायदा उठाओ, मगर किसी के हालात और मजबूरी का नहीं..!!

एक नींद है

एक नींद है जो रात भर नहीं आती और एक नसीब है जो न जाने कब से सो रहा..

बेशक वो ख़ूबसूरत आज

बेशक वो ख़ूबसूरत आज भी है, पर चेहरे पर वो मुस्कान नहीं, जो हम लाया करते थे..!!!

हमारे बिन अधूरे

हमारे बिन अधूरे तुम रहोगे कभी था कोई मेरा, तुम खुद कहोगे न होगें हम तो ये आलम भी न होगा मिलेगें बहुत से पर कोई हम-सा न होगा.

क्या लिखू जिंदगी

क्या लिखू जिंदगी के बारे में..वो लोग ही बिछड़ गए जो जिंदगी हुवा करते थे

बात वक्त वक्त की

है बात वक्त वक्त की चलने की शर्त है साया कभी तो कद के बराबर भी आएगा

मुझको धोका हो गया

अपनों को अपना ही समझा ग़ैर समझा ग़ैर को गौर से देखा तो देखा मुझको धोका हो गया

Exit mobile version