तेरे रोने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता ऐ दिल जिनके चाहने वाले ज्यादा हो वो अक्सर बे दर्द हुआ करते हैं|
Category: लव शायरी
खुद को कुछ इस तरह
खुद को कुछ इस तरह तबाह किया, इश्क़ किया क्या ख़ूबसूरत गुनाह किया, जब मुहब्बत में न थे तब खुश थे हम, दिल का सौदा किया बेवजह किया|
आशिक था एक मेरे अंदर
आशिक था एक मेरे अंदर, कुछ साल पहले गुज़र गया..!! अब कोई शायर सा है, अजीब अजीब सी बातें करता है
उदास कर देती है
उदास कर देती है, हर रोज ये शाम मुझे .. यूँ लगता है, जैसे कोई भूल रहा हो, मुझे आहिस्ता आहिस्ता..!!
तू तो हँस हँसकर
तू तो हँस हँसकर जी रही है, जुदा होकर भी.. कैसे जी पाया होगा वो, जिसने तेरे सिवा जिन्दगी कभी सोची ही नहीं..
बेपरवाह हो जाते है
बेपरवाह हो जाते है अक्सर वो लोग, जिन्हे कोई बहुत प्यार करने लगता है…
सोचा ना था
सोचा ना था वो शख्स भी इतना जल्दी साथ छोङ जाएगा…!!! . जो मुझे उदास देखकर कहता था…!!! “मैँ हू ना”…..
दिल भी जिद पर अडा है
दिल भी जिद पर अडा है बच्चे की तरह, या तो वो चाहिए या फिर कुछ नहीं !!
तरसते थे जो मिलने को
तरसते थे जो मिलने को हमसे कभी! आज वो क्यों मेरे साए से कतराते हैं! हम भी वही हैं दिल भी वही है! न जाने क्यों लोग बदल जाते हैं!
तकदीर के लिखे पर
तकदीर के लिखे पर कभी शिकवा न कर, तू अभी इतना समझदार नहीं हुआ है की रब के इरादे समझ सके..