तारीफ़ अपने आप की, करना फ़िज़ूल है….! ख़ुशबू तो ख़ुद ही बता देती है, की वो कौन सा फ़ूल है……!!
Category: लव शायरी
सीख रहा हूँ
सीख रहा हूँ मै भी अब मीठा झूठ बोलने का हुनर, कड़वे सच ने हमसे, ना जाने, कितने अज़ीज़ छीन लिए|
चलो अब जाने भी दो
चलो अब जाने भी दो,क्या करोगे दास्तां सुनकर… खामोशी तुम समझोगी नहीं,और बयां हमसे होगी नहीं…!!!
खेलना अच्छा नहीं
खेलना अच्छा नहीं किसी के नाज़ुक दिल से… दर्द जान जाओगे जब कोई खेलेगा तुम्हारे दिल से…
नाजुक लगते थे
नाजुक लगते थे,जो हसीन लोग वास्ता पड़ा तो पत्थर के निकले!!
इस जहां में
इस जहां में कब किसी का दर्द अपनाते हैं लोग , रुख हवा का देख कर अक्सर बदल जाते हैं लोग|
महसूस कर रहा हूँ
महसूस कर रहा हूँ मैं खुद को अकेला काश़…तू आके कह दे…मैं हूँ तेरी ..
मुसीबतों से निखरती हैं
मुसीबतों से निखरती हैं शख्सियतें यारों……. जो चट्टानों से न उलझे वो झरना किस काम का…….
बंद कर दिए हैं
बंद कर दिए हैं हम ने दरवाज़े इश्क के, पर तेरी याद है कि दरारों से भी आ जाती है|
उसने हमसे पुछा…
उसने हमसे पुछा…रह लोगे मेरे बिना..? साँस रुक गयी…. और उन्हें लगा कि…. हम सोच रहें हैं|