एहसान चढा हुआ है

कैसे चुकाऊं किश्तें ख्वाहिशों की .. मुझ पर तो ज़रुरतों का भी एहसान चढा हुआ है ..!!

ढूँढ़ा है अगर

ढूँढ़ा है अगर जख्मे-तमन्ना ने मुदावा, इक नर्गिसे-बीमार की याद आ ही गई है।

तू मांग तो सही

तू मांग तो सही अपनी दुआओं में बददुआ मेरे लिए, देखना मैं हंसकर खुदा से आमीन कह दूंगा..!!

ख़ामोशी में ढुँढ जिक्र अपना

लफ्ज़ तो सारे सुने सुनाये है, अब तु मेरी ख़ामोशी में ढुँढ जिक्र अपना..

झील में हलचल

जिस तरह इक नसीम को झोंका डाल देता है झील में हलचल, यूँ तेरी निगाह ने इस वक्त कर दिया है मेरी रूह को बेकल।

ख़ुश्बूओ का पता देती है

तेरी ख़ुश्बूओ का पता देती है…!! मुझ पे एहसान हवा करती है…!!

बरसात बचाए हुए रखना

तुम आँख कि बरसात बचाए हुए रखना…. कुछ लोग अभी….आग लगाना नही भुले |

दिल के टुकड़े टुकड़े करके

दिल के टुकड़े टुकड़े करके, मुस्कुरा के चल दिये॥

कुछ एहसास लिखते है

दिल के सच्चे कुछ एहसास लिखते है, मामूली शब्दों में ही सही,कुछ खास लिखते हैं|

इस कदर करीब तू मेरे

हो गई थी कुछ इस कदर करीब तू मेरे, अब इन फासलों में भी तेरी खुशबु आती है..!!

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