अदावत दिल में

अदावत दिल में रखते हैं मगर यारी दिखतें हैं…!! ना जाने लोग भी क्या क्या अदाकारी दिखाते हैं…!!

हमारी ख़ताओं का हिसाब

हमारी ख़ताओं का हिसाब रखते जाना, उनकी अदाओं का हिसाब मुमकिन नहीं..

मेरी चाहत की इन्तहा

काश के कभी तुम समझ जाओ मेरी चाहत की इन्तहा को, हैरान रह जाओगे तुम अपनी खुश-नसबी पर..

एक सिलसिले की उम्मीद

एक सिलसिले की उम्मीद थी जिनसे; वही फ़ासले बनाते गये! हम तो पास आने की कोशिश में थे; ना जाने क्यूँ वो हमसे दूरियाँ बढ़ाते गये!

ठंडी कर देती है

उसकी यादें अक्सर मेरी चाय ठंडी कर देती है !

एक लम्हा भी

एक लम्हा भी मसर्रत का बहुत होता है, लोग जीने का सलीका ही कहाँ रखते हैं।

बेशुमार दिल मिलते हैं

एक बाज़ार है ये दुनिया… सौदा संभाल के कीजिए… मतलब के लिफ़ाफ़े में… बेशुमार दिल मिलते हैं…

अंजाम का खयाल

आने लगा हयात को अंजाम का खयाल, जब आरजूएं फैलकर इक दाम बन गईं।

अगर कांटा निकल जायें

अगर कांटा निकल जायें चमन से, तो फूलों का निगहबां कौन होगा।

आँखों में छुपाए

आँखों में छुपाए फिर रहा हूँ, यादों के बुझे हुए सबेरे।

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